Shiv Aarti



शिव आरती और उसके लाभ

भगवान शिव, जिन्हें भोलेनाथ, महादेव, शंकर और नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में त्रिदेवों में से एक प्रमुख देवता हैं। वे संहार के देवता हैं लेकिन साथ ही करुणा और कृपा से पूर्ण माने जाते हैं। भक्तगण शिव जी की आराधना आरती, मंत्र जाप और व्रत-उपवास के माध्यम से करते हैं। आरती गाना भगवान से सीधा जुड़ने का सबसे सरल और पवित्र साधन माना गया है।

शिव आरती का महत्व

आरती केवल भक्ति का प्रतीक नहीं है बल्कि यह साधक के मन, वाणी और कर्म को शुद्ध करने का माध्यम है। जब भक्त मिलकर दीप जलाकर और भजन-कीर्तन करते हुए आरती गाते हैं तो पूरा वातावरण दिव्यता से भर जाता है। शिव आरती से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।

शिव आरती (ओंकारेश्वराय आरती)

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  • ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
    ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव...

  • एकानन चतुरानन पंचानन राजे,
    हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव...

  • दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे,
    त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव...

  • अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,
    त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ॐ जय शिव...

  • श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे
    सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव...

  • कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता,
    जगकर्ता जगभर्ता जग संहारकर्ता॥ ॐ जय शिव...

  • ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका,
    प्रणवाक्षर में शोभित यह त्रिवेद का टीका॥ ॐ जय शिव...

  • शिव ओंकारा शिव ओंकारा हर ऊंकारा,
    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव...

  • ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव...

शिव आरती के लाभ

  • आरती गाने से मन का तनाव और भय दूर होता है।
  • घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • आध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएँ दूर होती हैं।
  • भक्त को शिव जी की कृपा और आशीर्वाद सहज प्राप्त होता है।

आरती का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

दीपक जलाकर आरती करने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीपक की लौ से निकलने वाली रोशनी और गर्माहट घर के वातावरण को शुद्ध करती है। साथ ही शंख और घंटी की ध्वनि मानसिक एकाग्रता को बढ़ाती है और तनाव कम करती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी आरती करना बेहद लाभदायक है।

शिव आरती से जुड़ी कथाएँ

पुराणों में उल्लेख मिलता है कि जब-जब भक्तों ने शिव की आरती गाई, तब-तब उनके जीवन से दुखों का निवारण हुआ। कहते हैं कि माता पार्वती ने स्वयं महादेव की आरती की थी जिससे उन्हें असीम शक्ति और आशीर्वाद मिला। शिवपुराण में भी आरती का विशेष महत्व बताया गया है।

शिव आरती करने की विधि

  1. सुबह या शाम स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के सामने दीपक जलाएँ।
  3. फूल, बिल्वपत्र, धूप और अक्षत अर्पित करें।
  4. आरती की थाली घुमाकर मंत्र और आरती गाएँ।
  5. प्रसाद वितरण करें और अंत में हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।

निष्कर्ष

शिव आरती केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा को जोड़ने का पवित्र माध्यम है। जो भी भक्त सच्चे मन से आरती करता है, उसके जीवन में महादेव स्वयं सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और मोक्ष का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसलिए प्रत्येक भक्त को नियमित रूप से शिव आरती करनी चाहिए।

🔱 हर हर महादेव 🔱

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